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*🟣👉सांस अभियान” के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न*


नर्मदापुरम/ जिले में “सांस अभियान” के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से मंगलवार को जिला प्रशिक्षण केंद्र नर्मदापुरम में मेडिकल ऑफिसरों, आरबीएसके चिकित्सकों एवं बीसीएम का जिला स्तरीय उन्मुखी करण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरसिंह गेहलोत ने की।डॉ. गेहलोत ने बताया कि शासन के दिशा- निर्देशानुसार “सांस अभियान” 12 नवम्बर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक जिले में संचालित होगा। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण निमोनिया है। वर्तमान में 5.1 प्रति हजार बच्चों की मृत्यु निमोनिया से होती है, जिसे 3 प्रति हजार तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य समुदाय एवं संस्था स्तर पर 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में संभावित निमोनिया के प्रकरणों की समय पर पहचान, प्रोटोकॉल अनुसार उपचार, आवश्यकता पड़ने पर उचित स्वास्थ्य संस्था में रेफरल तथा निमोनिया की रोकथाम एवं बचाव हेतु व्यापक जन जागरूकता फैलाना है। साथ ही समुदाय में निमोनिया से जुड़े अंधविश्वास व कुरीतियों को दूर कर सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन लाना भी अभियान का महत्वपूर्ण लक्ष्य है।अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई जैसे निमोनिया के लक्षणों की पहचान कर एएनएम एवं सीएचओ को सूचित करेंगी। मेडिकल ऑफिसर, आरबीएसके टीम, एएनएम व सीएचओ द्वारा बच्चों की जांच कर उपचार प्रदान किया जाएगा। मातृ बैठकों के माध्यम से स्वच्छ ईंधन उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण, स्तनपान, पूरक आहार एवं खतरे के लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। गंभीर प्रकरणों को त्वरित रूप से उच्च स्वास्थ्य संस्था में रेफर किया जाएगा।सिविल सर्जन-सह -मुख्य डीआईओ डॉ. संदीप केरकेट्टा ने कहा कि शिशु मृत्यु का सबसे बड़ा कारण निमोनिया है, इसलिए शिशु मृत्यु दर कम करना “सांस अभियान” का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि वे समुदाय में जाकर निमोनिया के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर प्रारंभिक उपचार सुनिश्चित करें तथा गंभीर प्रकरणों का शीघ्र रेफरल करें। साथ ही समुदाय में निमोनिया के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।सीएमएचओ डॉ. गेहलोत द्वारा नवजातों एवं पांच वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया के प्रबंधन, समुदाय- आधारित एवं संस्था-आधारित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी भी दी गई। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में डॉ. शाश्वत बुचके, जिला मीडिया प्रभारी सुनील साहू, डीपीएम कविता भोई, आरबीएसके मैनेजर कविता साल्वे, डीसीएम शैलेन्द्र शुक्ला, आरआई डाटा मैनेजर शैलेन्द्र अहिरवार, लिपिक मदन वर्मा सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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