नर्मदापुरम्। काकोरी कांड के अमर शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल ने कभी इस कहा था कि शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले किन्तु आजाद होते ही हमने मेले लगाना तो दूर उनके स्मारक तक नहीं चिन्हित किए। स्वतंत्र भारत में क्रांतिकारियों का कीर्ति कथाओं को अपने सीमित साधनों से संरक्षित करने में सुकवि श्रीकृष्ण सरल ने अपना सर्वस्व स्वाहा कर दिया। जबकि लाखों करोड़ों की शोध योजनाएं बनाने वाली सरकारों के प्रयत्न इस दिशा में अपर्याप्त ही रहे। यह विचार श्रीकृष्ण सरल की पुण्यतिथि पर प्रज्ञा-प्रवाह नर्मदापुरम् द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में नर्मदा महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र ने व्यक्त किए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अतुल सेठा ने सरल के साहित्य को संरक्षित करने की आवश्यकता बताई। विशिष्ट अतिथि नवनिर्वाचित पार्षद रिचा जीतू तिवारी ने कलेक्ट्रेट गेट के निकट स्थित कॉलोनी का नाम श्रीकृष्ण सरल कॉलोनी किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कॉलोनी वासियों को बधाई दी एवं सरल के संघर्ष पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन सरल जी के मानस पुत्र डॉ. संतोष व्यास ने किया। इस अवसर पर उन्होंने सरल के प्रेरक संस्मरण और पद्यांश भी सुनाएं। कार्यक्रम में अरुण दीक्षित, पूर्व पार्षद जीतू तिवारी, सुरेश राजपूत, राजेन्द्र बोहरे, नेहा तिवारी, सुयश मिश्रा आदि अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
श्रीकृष्ण सरल ने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया : डॉ मिश्र
September 03, 2022
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