*हमारी परंपरा में ऐसे आयोजनों का बहुत महत्व है :डाॅ राजेश शर्मा*
*नर्मदापुरम्*। के मास में भगवान भोले के भक्तों में उत्साह चरम पर होता है हर कोई भगवान आदि देव को अलग अलग तरीके से प्रसन्न करता है। ऐसा ही आयोजन कांवड़ यात्रा के रूप में "नर्मदा सम्राट अपनी कांवड़ यात्रा" समिति द्वारा किया गया । जिसमें भगवान शंकर के प्रिय भक्तों ने नर्मदापुरम के सेठानी घाट से माँ नर्मदा का जल भर तिलक सेंदुर में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में चढ़ाया। समिति व यात्रा के संयोजक संदीप गौर ने बताया कि हमारी यह कांवड़ यात्रा पिछले कई वर्षों से निकाली जा रही है। कुछ लोगों के साथ शुरू हुई इस यात्रा ने आज बहुत बड़ा रूप ले लिया है। आने वाले वर्षों में हम इससे और अधिक लोगों को जोड़ेंगे। समिति के संरक्षक डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि हमारी परंपरा में ऐसे आयोजनों का बहुत महत्व है क्या छोटा क्या बड़ा व हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाला सब कुछ भूल कर भगवान आदिदेव के भक्त का रूप धारण कर लेता है और सब शिवमय होकर आराधना करते है। सामाजिक सरंचना का हर भाग मोती की माला की तरह एक सूत्र में बंध जाता है। भाई संदीप गौर व उनकी मित्र मंडली द्वारा शुरू किए इस कांवड़ यात्रा के आयोजन में मेरा सहभागी होना गौरव का विषय है। कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भोलेनाथ के भक्त उपस्थित रहे। सेठानी घाट से शुरू हुई यात्रा तिलक सेंदुर में भगवान भोले के अभिषेक के साथ पूर्ण हुई।