सिवनीमालवा।शिक्षा में आगे बढ़ने का सपना देख रही एक होनहार छात्रा का भविष्य आधार कार्ड में नाम की त्रुटि के कारण अधर में लटक गया। महीनों तक सेवा केंद्र के चक्कर लगाने और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा कराने के बावजूद आधार में नाम सुधार न होने से छात्रा को कॉलेज प्रवेश, परीक्षा फार्म और शैक्षणिक प्रमाणपत्र लिंक कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।निराश छात्रा ने नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर के.जी. तिवारी से मुलाकात की और अपनी पीड़ा साझा की। कमिश्नर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल आधार सेवा केंद्र प्रभारी से जानकारी मांगी और छात्रा को भरोसा दिलाया कि उसकी समस्या प्राथमिकता से हल की जाएगी।कमिश्नर ने एसडीएम सरोज सिंह परिहार और जनपद सीईओ श्रुति चौधरी को मामले पर नजर रखने के निर्देश दिए। साथ ही जिला ई-गवर्नेंस अधिकारी संदीप चौरसिया को फोन पर आदेश दिया कि छात्रा का आवेदन तुरंत निपटाया जाए। उन्होंने कहा – “तकनीकी गड़बड़ी या लापरवाही से किसी छात्र का भविष्य अंधकारमय नहीं होना चाहिए।”
*👉कमिश्नर की कड़ी चेतावनी*
अधिकारियों को सख्त लहजे में कमिश्नर ने चेतावनी दी कि आधार कार्ड संबंधी मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए समय पर आधार सुधार बेहद ज़रूरी है, क्योंकि उनकी पढ़ाई और करियर सीधे इससे जुड़े हैं।
*👉जिले में लगेंगे विशेष शिविर*
कमिश्नर तिवारी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी लंबित आधार सुधार मामलों की सूची बनाकर जल्द ही विशेष शिविर लगाए जाएँ। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को त्वरित राहत मिलेगी और उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।छात्रा और उसके परिजनों ने कमिश्नर की पहल पर आभार जताते हुए कहा कि अब उन्हें विश्वास है कि समस्या का समाधान जल्द होगा और छात्रा बिना तनाव अपनी पढ़ाई जारी रख सकेगी।
*👉आधार सुधार क्यों ज़रूरी?*
विशेषज्ञों के अनुसार, आधार कार्ड की त्रुटियाँ न केवल शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में बाधा बनती हैं, बल्कि शासकीय योजनाओं और छात्रवृत्तियों से वंचित होने का खतरा भी पैदा करती हैं। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार 90 दिनों में सुधार हो जाना चाहिए, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी या लापरवाही से यह काम महीनों तक अटक जाता है। ऐसे मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों का हस्तक्षेप ही नागरिकों के लिए राहत साबित होता है।
