नर्मदापुरम। .जिला लोक अभियोजन अधिकारी, नर्मदापुरम राजकुमार नेमा ने जानकारी देते हुए बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश महोदय पिपरिया श्री कैलाश प्रसाद मरकाम द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण अजय पुर्विया, संजय शर्मा, गौरीशंकर अहिरवार, अनिल उर्फ अन्ना ठाकुर, हल्के उर्फ महेश ठाकुर, राज उर्फ धनराज वंशकार, विमल भाट, महेश अहिरवार को धारा 302 भादवि हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा एवं 5300~5300 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अभियोजन घटना के तथ्य संक्षेप मे इस प्रकार है कि दिनांक 25-26 .04.2022 की रात्रि करीब 11.30 बजे फरियादी संजय राय तथा मृतक अमित राय, अन्नू कहार तीनो स्कूटी से अन्नू कहार को छोड़ने हथवांस जा रहे थे जैसे ही हीरो शौरूम के सामने रात्रि 11ः40 बजे पहुॅचे कि आरोपीगण अजय पुर्विया, संजय शर्मा, गौरीशंकर अहिरवार, अनिल उर्फ अन्ना ठाकुर, हल्के उर्फ महेश ठाकुर, राज उर्फ धनराज वंशकार, विमल भाट, महेश अहिरवार ने उन्हे रोक लिया और उन्हे मादरचोद बहनचोद की गंदी गंदी गालियाॅ देकर अजय पुर्विया ने लोहे की राड से फरियादी संजय के सिर पर मारा जिससे उसे सिर मे चोट लगकर खून निकलने लगा तथा आरोपगण ने लाठी, राड से मृतक अमित राय को मारपीट किये जिससे मृतक को सिर, मुॅह, हाथ, पीठ पर चोटे आई दोनो वही गिर गये, आरोपीगण मारपीट करने के बाद जान से खत्म करने की धमकी देते हुए वहाॅ से भाग गये। फरियादी ने घटना की जानकारी अपने भाई को दी। सूचना प्राप्त होने पर आहत संजय राय का भाई तथा मृतक अमित राय के पिता तथा चचेरा भाई घटना स्थल पर आये और उन्होने आहत संजय राय तथा मृतक अमित राय को उठाकर सरकारी अस्पताल पिपरिया लाए। सरकारी अस्पताल पिपरिया मे आहत संजय राय ने पुलिस को घटना की रिपोर्ट लेख करवाया। मृतक अमित राय को अधिक चोट होने से उसे होशंगाबाद ईलाज हेतु रेफर कर दिया गया जहाॅ पर उपचार के दौरान अमित राय की मृत्यु हो गयी। उक्त रिपोर्ट पर अपराध धारा 294,323,506,34 भादवि. का अपराध पंजीबद्व कर अनुसंधान मे लिया गया।अनुसंधान के दौरान मृतक अमित राय की मृत्यु हो जाने से धारा 302 भादवि. का ईजाफा कर संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्व धारा 147,148,149,341, 302,326,294,323,506,120बी भादवि. के तहत चालान तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज की श्रेणी में रखा गया था। अभियोजन द्वारा न्यायालय मे कुल 26 साक्षियो को परीक्षित कराया गया। न्यायालय द्वारा अभिलेख पर आयी साक्ष्य के आधार पर अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपीगण को दोषी पाकर दण्डित किया गया। शासन की ओर से उपरोक्त मामले मे पैरवी *विशेष लोक अभियोजक सोहन लाल चौरे द्वारा की गयी।
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