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*💫🌈रेलवे में संरक्षा सर्वोपरि, संरक्षा की धुरी लोको पायलेट की सुविधाओं के लिए रेलवे कृतसंकल्पित*

 नर्मदापुरम।भारतीय रेल भारत की जीवन रेखा है और रेलवे में संरक्षा और सुरक्षा सर्वोपरि है। ट्रेन चलाने वाले लोको पायलेट भारतीय रेलवे की धुरी है। भारतीय रेलवे में प्रतिदिन संचालित होने वाली हजारों सवारी एवं मालगाड़ियों के संचालन का पूरा जिम्मा लोको पायलेट के कंधो पर होता है। हर मौसम में 24 X 7 लोको पायलेट निरंतर अपनी जिम्मेदारी को वहन करते हुए पूर्ण सतर्कता के साथ रेल संचालन में अपना योगदान देते है ।रेलवे प्रशासन भी लोको पायलेट के महत्व को समझते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है। पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबन्धक श्री शोभना बंदोपाध्याय के कुशल मार्ग निर्देशन में ट्रेनों के सुरक्षित सञ्चालन हेतु रनिंग स्टॉफ के लिए पश्चिम मध्य रेल पर कुल 17 लोको लॉबी ( जबलपुर -6, भोपाल- 8, कोटा-3) एवं 18 रनिंग रूम ( जबलपुर- 7,भोपाल- 7, कोटा -4) बनाये गये है, जहां स्थानीय मुख्यालय के अतिरिक्त दूसरे मुख्यालय से आने वाले रनिंग स्टॉफ को आराम हेतु रनिंग रूम की सुविधा प्रदान की जाती है।भारतीय रेलवे पर लोको पायलेट के ड्यूटी घंटों को सवारी गाडी में अधिकतम 08 घंटे एवं मालगाड़ियों में अधिकतम 10 घंटे निश्चित किया गया है। इसके बाद उन्हें विभिन्न नामित स्थानों पर स्थित रनिंग रूम (विश्राम गृह) में आराम दिया जाता है। रनिंग स्टॉफ को अपने मुख्यालय पर 16 घंटे एवं रनिंग रूम में 08 घंटे विश्राम के बाद अगली गाड़ी में बुकिंग की जाती है।लोको पायलेट नियमानुसार आराम के घंटे पूर्ण करने के पश्चात् ही ड्यूटी पर बुलाये जाते है। रनिंग स्टॉफ को ड्यूटी पर बुलाने के लिए निश्चित समयपूर्व कर्मचारी को रेलवे द्वारा दिये गये सीयूजी फोन पर मैसेज एवं कॉल कर सूचना दी जाती है। ड्यूटी ऑन होने से पूर्व सभी रनिंग स्टॉफ को कम्प्यूटरीकृत लॉबी में साईन ऑन करना होता है, जहां उन्हें ड्यूटी पर जाने वाली गाड़ी संबंधी सभी सूचनाएं एवं रेलखण्ड के गति प्रतिबंधों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। साईन ऑन से पूर्व सभी रनिंग स्टॉफ को एल्कोहल एवं अन्य नशे की जांच के लिए ब्रिथलाइजर टेस्ट भी किया जाता है। पूर्ण स्वस्थ एवं सभी कार्यवाही पूरी करने के बाद लोको पायलेट/सहायक लोको पायलेट साईन ऑन कर गाड़ी के लोकोमोटिव पर पहुंचते है एवं लोकोमोटिव की आवष्यक जांच करने के पश्चात् नियमानुसार रेल संचालन का कार्य करते है। रनिंग स्टॉफ को दी जाने वाली सुविधाएं लॉबी में उपलब्ध सुविधाएं,रनिंग स्टॉफ को लॉबी से जुड़े हुए एक वातानुकूलित रेस्ट रूम की व्यवस्था (जहां आराम चेयर एवं सौफे की व्यवस्था होती है) जहां गाड़ी के विलम्ब के समय रेस्ट किया जा सके।लॉबी एवं रेस्ट रूम वातानुकूलित 
आरओ एवं वाटरकूलर युक्त पेयजल की सुविधा लॉबी में सीयूजी फोन की सुविधारनिंग रूम में उपलब्ध सुविधाएं घर से दूर घर जैसी सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए उच्च मापदंडो की साफ-सफाई एवं कीटाणु रहित वातानुकूलित शयनकक्ष।आरओ एवं वाटरकूलर युक्त पेयजल की सुविधा।प्रत्येक स्टॉफ के बदलते ही लिनन बदलना।कमरों में पर्याप्त रोषनी/हवा हेतु वेन्टिलेशन।मनोरंजन के लिए कैरम बोर्ड मेडिटेशन रूम।पत्र- पत्रिकाओं की सुविधा।खाना पकाने के लिए हाई जेनिक रसोई की व्यवस्था। सब सिडाइज भोजन की उपलब्धता।डाइनिंग हॉल/चेयर/टेबल की व्यवस्था।रेफ्रिजरेटर/आयरन/वाशिंग मशीन की व्यवस्था।महिला रनिंग स्टॉफ के लिए अलग कमरों एवं टॉयलेट की व्यवस्था।सभी रनिंग रूम में क्रू मैनेजमेंट प्रणाली की व्यवस्था।सीसी टीवी केमरा, योग करने हेतु सुविधाएँ अग्नि शामक यंत्र फर्स्ट ऐड बॉक्स भारतीय रेलवे सुरक्षित एवं संरक्षित रेल संचालन हेतु लोको पायलेट के महत्वपूर्ण पद की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए, उनके कल्याण के लिए विभिन्न कार्य कर रही है।इसमें रनिंग स्टॉफ को आउट ऑफ टर्न आवास एवं अन्य सुविधा दी जाती है। तनावमुक्त रहकर कार्य करने के लिए उनके परिवार की भी समय-समय पर काउसलिंग की जाती है। बदलती तकनीक एवं नये आधुनिक कार्य प्रणाली से अवगत कराने एवं अपडेट होने के लिए रनिंग स्टॉफ को रिफ्रेशर कोर्स भी करवाये जाते है। भारतीय रेल द्वारा रनिंग स्टाफ को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की जा रही है जिससे रनिंग स्टाफ तनाव मुक्त रह सके एवं उन्हें पर्याप्त आराम मिले एवं वह रेलों का संचालन सुरक्षित एवं संरक्षित तरीके से कर सके।भारतीय रेल ट्रेनों के सुरक्षित एवं संरक्षित सञ्चालन हेतु कृतसंकल्पित है।

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