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*💫🌈 टाईगर (बाघ) के शिकारियों को हुई 5-5 साल की सजा*

 नर्मदापुरम। जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि दिनांक 13/07/2015 को घटना स्थल सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, नर्मदापुरम के वन परिक्षे़त्र कामती/चूरना के शासकीय जंगल कोर क्षेत्र में महावत मनीराम एवं गन्नूलाल ने गश्ती के दौरान 8-10 व्यक्तियों को वन परिक्षेत्र कामती के शासकीय जंगल में अवैध प्रवेश करते हुए देखा, इसकी सूचना उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी।मौके पर आरोपी गणों का पीछा किया गया, परंतु वे जंगल में भाग गये थे। आरोपी गणों के पदचिन्हों का पीछा किया गया। घटना स्थल की तलाशी लेने पर वन्य प्राणी पैंगोलिन की खपड़ियां, चाकू एवं अन्य सामाग्री घटना स्थल पर मिली थी। म.प्र. टाईगर स्ट्राईक फोर्स के अधिकारियों के द्वारा विवेचना के दौरान आरोपी गणों से वन्य प्राणी बाघ (टाईगर) की एक खाल जप्त की गयी। बाघ म.प्र. वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1971 की अनुसूचि का स्तनधारी प्राणी है, जिसे बोलचाल की भाषा में शेर कहा जाता है। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय (श्रीमती रितु वर्मा कटारिया) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम द्वारा अपने निर्णय दिनांक 20.12.2022 अनुसार आरोपी श्रीवास, सखाराम, परेश, श्यामजी, सुम्मी, सुरेश, रामचरण, उमत, छोटे वीर, रामपाल, शेख चाउस, शेख युनुस, पन्नालाल, विस्तु, सीताराम, रामकिशोर, नियालाल, गन्ना, रमेश, स्नोर, हरिदास, झूलन, मोहम्मद शमीम को धारा 27/51, 21/51, 9/51सी, 43, 44, 49, 49/51(क), 51(1)क वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000-10000/- रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला-नर्मदापुरम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

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