नर्मदापुरम/इटारसी।अपने परिजनों को बिना बताए घर से भागी एक नाबालिग किशोरी ,रेलवे चेकिंग स्टाफ की सतर्कता के चलते न सिर्फ अपने परिजनों के पास पहुंच गई बल्कि किशोरी गलत दिशा में जाने से भी बच गई। सहायक मुख्य टिकिट निरीक्षक सहित अन्य स्टाफ के इस सहयोग के लिए परिजनों ने आभार जताया।
*क्या है मामला*
उत्तर प्रदेश मथुरा में रहने वाली एक नाबालिक किशोरी की उसी के क्षेत्र में रहने वाले एक युवक से मित्रता थी। युवक ने किशोरी को पहले अपनी बातों में उलझाया और उसे अपने साथ घर से भागने की सलाह दी। युवक की बातों में आई किशोरी उसके कहें अनुसार साथ जाने के लिए झांसी स्टेशन पर पहुंच गई लेकिन झांसी स्टेशन पर पहुंचने पर पता चला कि इसका मित्र तो मुंबई के पास कल्याण में पहुंच गया है। फोन पर हुई बात के बाद किशोरी सीधे ट्रेन में बैठी और कल्याण पहुंच गई लेकिन , कल्याण स्टेशन पहुंचने पर युवक ने उससे मिलना तो दूर बात करना मुनासिब नहीं समझा और उसे उल्टा सीधा कहकर वहां से भगा दिया। युवती जिस के सहारे घर छोड़कर मथुरा से कल्याण आ थी उसके इस रवैए से वह दुखी होकर सीधे स्टेशन आ गई। स्टेशन पर बैठे-बैठे उसकी जान पहचान उत्तर प्रदेश आजमगढ़ निवासी एक युवक से हुई बातचीत के बाद किशोरी ने उसे अपनी सारी पीड़ा बताते हुए कहा कि वह जिसके सहारे घर छोड़कर आई थी उसने साथ रहने से इनकार कर दिया इसलिए वह अपने घर वापस भी नहीं जा सकती। किशोरी की बात सुनने के बाद उक्त युवक ने उसे अपने साथ पुणे चलने के लिए तैयार किया। लेकिन गलती से दोनों मंगला एक्सप्रेस में बैठ गए और रात लगभग 1:00 बजे इटारसी पहुंच गए।
*चेकिंग स्टाफ की सराहना*
इटारसी स्टेशन पहुंचने पर जब दोनों को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने ट्रेन से उतरकर सुबह दूसरी ट्रेन से पुणे जाने का निर्णय लिया। लेकिन रात में ही ट्रेनों की जांच कर रहे टिकट चेकिंग स्टाफ की नजर जब दोनों पर पड़ी तो उन्होंने पूछा। टिकट नहीं होने की दशा में स्टाफ ने सीधे कार्यालय लेकर आए जहां रात्रि कालीन ड्यूटी पर सहायक मुख्य टिकट निरीक्षक विकास कश्यप ने जब उनसे पूछताछ की तो पता चला कि उनके पास टिकट नहीं थी। मामला संदिग्ध होने पर उन्होंने तत्काल इसकी सूचना जीआरपी को दी। किंतु जीआरपी थाने में महिला कर्मचारी नहीं होने की दशा पर स्टाफ दोनों को लेकर वापस अपने कार्यालय आ गया । जहां रात भर उन्हें अपनी निगरानी में रखने के बाद हेड टीसी विकास कश्यप ने किशोरी के बताएं नंबर के आधार पर उसके परिजनों को सूचना दी। जिसके आधार पर किशोरी की उसके परिजनों से हुई बात के बाद परिजन इटारसी आ गए थे परिजनों द्वारा मथुरा थाने में किशोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। सुबह जीआरपी थाने में कार्रवाई के बाद परिजन किशोरी को वापस अपने साथ ले गए। इस पूरे मामले में टिकट चेकिंग की स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही अगर रात्रि का ड्यूटी पर मौजूद विकास कश्यप और स्टाफ समय की सक्रियता से किशोरी बच गई ।
