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*🔴भारत वर्ष में गुरू की परंपरा सदियों से रही है – मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव*.....*🔴गूरू के आशीर्वाद से नर्मदा पथ पर घाटों और आश्रय स्‍थलो का निर्माण किया जा रहा है*.......*🔴मुख्‍यमंत्री डॉ यादव ने गुरू पूर्णिमा के अवसर पर दादा कुटी में आयोजित गुरू शिव का मानस पूजा को वर्चुअल संबोधित किया*


नर्मदापुरम/ प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर  नर्मदापुरम के दादा कुटी में चल रहे गुरू शिव का मानस पूजा को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष में गुरू की परंपरा सदियों से विद्यमान रही है। भगवान श्री रामचंद्र जी का जीवन हमारे सामने हैं जिन्‍होनें गुरू विश्‍वामित्र के मार्गदर्शन में निशाचरों का संघार किया था। भगवान श्री कृष्‍ण ने अपने गुरू सांदीपनी के दिखाए पथ पर चलकर विश्‍व को मागदर्शन दिया। गुरू के आशीर्वाद से ही हम नर्मदा पथ का निर्माण कर रहे हैा। नर्मदा नदी के घाटों का निर्माण एवं आश्रय स्‍थलों का निर्माण कर रहे हैं। नर्मदा के किनारों पर वृहद स्‍तर पर पौधरोपण कर प्रकृति संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। मुख्‍यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि गुरू आस्‍था की जीवंत मिसाल होते हैं। हमारे जीवन में माता पिता के बाद गुरू का ही महत्‍व रहता है। मुख्‍यमंत्री डॉ यादव ने गुरू पूर्णिमा के अवसर पर सभी गुरूओ को नमन करते हुए कहा कि गुरूओं के आशीर्वाद से ही सिंहस्‍थ 2028 की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है। मुख्‍यमंत्री डॉ यादव ने अवधूत श्री दादा गुरू के चरणों में नमन करते हुए कहा कि दादा गुरू स्‍वयं आस्‍था की जीवंत मिसाल है। प्रतिदिन अंजुली भर पानी पीकर जीवित हैं। गुरू की कृपा से हमेशा आशीर्वाद बरसता रहता है। दादा गुरू पौध रोपण एवं नर्मदा जल के शुद्धीकरण के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। मुख्‍यमंत्री ने बताया कि मध्‍यप्रदेश के 19 धार्मिक शहरों में शराब बंदी लागू की गई है। यह सब दादा गुरू जैसे गुरूओं के आशीर्वाद से ही संभव है।दादा कुटी में चल रहे समर्थ श्री गुरू पूर्णिमा महोत्‍सव के अंतर्गत शिव मानस पूजा को संबोधित करते हुए अवधूत श्री दादा गुरू ने कहा कि हमारी सनातन संस्‍कृति की परंपरा और मान्‍यता आज हमे पूरे विश्‍व में एक अलग पहचान दिलाती है। गुरू पूर्णिमा का आज पावन दिवस गुरूओं के प्रति आस्‍था का प्रकटीकरण है। गुरू परम अविनाशी होते हैं। उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद से सभी कार्य सुगम होते हैं। गुरू अपने शिष्‍य को सत्‍य, अहिंसा और करुणा का मार्ग दिखाते हैं। गुरू सत्‍य है गुरू तथ्‍य है, गुरू कल्‍याण है, गुरू की लीला शिष्‍य को जीवन का बोध कराती है। गुरू शिष्‍य को आत्‍मनिर्भर बनाते हैं। दादा गुरू ने कहा कि आज नर्मद तट का हर कंकर शंकर के रूप में है। हर युग में गुरू और गोविंद प्रकृति और जीवन में प्रणों का संचार करते हैं और देवत्‍व के भाव को प्रकट कर व्‍यक्तित्‍व का निर्माण करते हैं। गुरू की सगुण उपासना हम वृक्षों के रूप में भी करते हैं। जिसने गुरू का सानिध्‍य प्राप्‍त कर लिया वह आत्‍मनिर्भर हो गया।प्रदेश के खेल एवं युवा कल्‍याण और सहकारिता मंत्री विश्‍वास सारंग ने कहा कि हमारी सनातन परंपरा में गुरू हमें सत्‍य के मार्ग तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। उन्‍होनें कहा कि अवधूत दादागुरू ने मां नर्मदा की सेवा की है और वृक्ष लगाकर सेवा का संकल्‍प लिया है। अपने संकल्‍प को लक्ष्‍य तक ले जाने के लिए दादा गुरू स्‍वयं अपने शरीर को कष्‍ट देते हुए प्रकृति एवं मां नर्मदा के संरक्षण का संदेश देते है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि हम सब वृहद स्‍तर पर पौध रोपण कर नर्मदा मैया को स्‍वच्‍छ एवं निर्मल रखने का संकल्‍प लें।समर्थ श्री गुरू पूर्णिमा महोत्‍सव के दौरान आयोजित शिव मानस पूजा में पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष एवं नर्मदापुरम के विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, राज्‍यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, नगरपालिका अध्‍यक्ष श्रीमती नीतू महेन्‍द्र यादव, पूर्व नपा अध्‍यक्ष अखिलेश खंडेलवाल, पूर्व जनपद अध्‍यक्ष श्रीमती संगीता सोलंकी सहित जनप्रतिनिध गण प्रशासनिक अधिकारी गण, प्रिंट एवं इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार गण एवं बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु गण उपस्थित रहे।

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