नर्मदापुरम/बुधनी। बुधनी तहसील के शाहगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित अमरगढ़ जलप्रपात (प्राकृतिक वॉटरफॉल) पर प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद भोपाल से आए कुछ पर्यटक वहां पहुंच रहे थे।इस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (SDM) बुधनी दिनेश तोमर एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (SDOP) बुधनी रवि शर्मा के संयुक्त निर्देशन में पुलिस एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर कार्रवाई करते हुए पर्यटकों को रोका और भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत वैधानिक कार्रवाई की। प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार बरसात के मौसम में क्षेत्र को संवेदन शील और खतरनाक मानते हुए अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद कुछ पर्यटक निजी वाहनों से झरने की ओर पहुँचे, जिन्हें टीम ने रोका और आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई।
*क्या है धारा 223 भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत*
धारा 223 उस स्थिति में लागू होती है जब कोई व्यक्ति सरकारी आदेश की अवहेलना करता है और उसके कार्य से जनजीवन, स्वास्थ्य या सार्वजनिक शांति को खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके अंतर्गत अधिकतम 6 माह की जेल,जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है,प्रशासन ने आम जनता और पर्यटकों से अपील की है कि वे किसी भी प्राकृतिक या प्रतिबंधित क्षेत्र की यात्रा से पूर्व संबंधित विभाग के दिशा- निर्देशों का पालन करें।
*वन विभाग की मंशा: जंगलों में पर्यटन को विनियमित किया जाए, न कि रोका जाए*
मध्य प्रदेश के जंगलों में वर्षा ऋतु के चलते सक्रिय प्राकृतिक झरने और वॉटरफॉल पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं। दूर-दूर से और स्थानीय स्तर से बड़ी संख्या में सैलानी इन स्थलों पर उमड़ रहे हैं। सूत्रों की माने तो ऐसी स्थिति में वन विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा यह विचार किया जा रहा है कि जंगलों में आने वाले पर्यटकों को पूरी तरह से रोका न जाए, बल्कि स्थानीय वन समिति के माध्यम से पर्यावरण संतुलन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रवेश हेतु एक निर्धारित शुल्क लिया जाए,यदि कोई पर्यटक जंगल में बैठकर, भोजन या पिकनिक करना चाहता है, तो थोड़ा अतिरिक्त शुल्क तय किया जाए। इस प्रस्ताव के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़े रखा जाए, लेकिन नियंत्रण और सुरक्षा के दायरे में। इससे राजस्व भी बढ़ेगा और पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सकेगा। हालांकि, इस पर अभी विभागीय स्तर पर औपचारिक गाइडलाइन/आदेश जारी नहीं किए गए हैं, परन्तु प्रारंभिक स्तर पर कुछ जिलों में परीक्षण स्वरूप प्रवेश शुल्क की व्यवस्था लागू किए जाने की जानकारी मिल रही है, विशेष रूप से पिकनिक स्पॉट जैसे वॉटरफॉल और घाटियों में। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ओरछा में वेतवा नदी के उस पर जंगलों में पर्यटकों को घूमने के लिए , वन विभाग द्वारा शुल्क लिया जा रहा है। हर सैलानी प्राकृतिक स्थलों का लुत्फ उठाना अपना नागरिक का अधिकार मानता है, लेकिन नियमों और चेतावनियों की अनदेखी करना स्वयं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है। इसलिए प्रशासन के आदेश के बावजूद जो लोग वॉटरफॉल की तरफ जा रहे हैं उनके खिलाफ बुधनी की राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त निर्देशन मे कार्रवाई की जा रही.
*इनका कहना है*
शाहगंज थाना अंतर्गत अमरगढ़ झरने जाने में प्रतिबंध होने पश्चात भी भोपाल से आए टूरिस्टों के वाहन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 की कार्रवाई की गई है यह कार्रवाई राजस्व एवं पुलिस विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से की गईं है।
दिनेश तोमर
एसडीएम बुधनी
*इनका कहना है*
बुधनी जंगलों के अंदर काफी जलप्रपात है अमरगढ़ दिगंबर और टपकेश्वर महादेव यहां पर पिछले कुछ वर्षों में जलप्रपात के नीचे गहरे पानी में डूबने से सैलानियों की मृत्यु भी हो चुकी है सभी सैलानियों से अनुरोध है कि कृपया वह गहरे पानी में न जाए दूर से रहकर वह प्रकृति का आनंद उठाएं, चेतावनी बोर्ड हमारे विभाग के द्वारा जगह-जगह लगा दिए गए है, उसका पालन करना सभी का नैतिक कर्तव्य है
सुकृति ओसवाल
उप वनमंडलाधिकारी SDO बुधनी