नर्मदापुरम/सिवनी मालवा।जिला एवं अपर सत्र न्यायालय, सिवनी मालवा की न्यायाधीश श्रीमती तबस्सुम खान ने नाबालिग से दुष्कर्म के गंभीर मामले में आरोपी सुजीत यदुवंशी को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹4,000 के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही पीड़िता को ₹20,000 की प्रतिकर राशि प्रदान करने की अनुशंसा की गई है।इस मामले में विशेष लोक अभियोजक मनोज जाट ने शासन की ओर से पैरवी करते हुए मजबूत साक्ष्य और दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए।प्रकरण में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, 25 अक्टूबर 2020 को सुबह लगभग 6 बजे एक नाबालिग बालिका अपने घर से लापता हो गई थी। परिजनों द्वारा गांव और रिश्तेदारी में तलाश के बाद यह पता चला कि आरोपी सुजीत यदुवंशी, निवासी सिवनी मालवा, ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगाकर ले गया और लगभग 5 महीनों तक उसे पत्नी की तरह रखकर शारीरिक शोषण किया।पीड़िता के दस्तयाब होने पर दर्ज बयान में उसने स्पष्ट रूप से आरोपी पर बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया।मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा 13 साक्षी परीक्षित कराए गए, जिन्होंने घटना की पुष्टि की। इसके अतिरिक्त 30 दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किए गए, जिनमें से डीएनए रिपोर्ट भी आरोपी के खिलाफ सकारात्मक पाई गई।न्यायालय ने मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ डीएनए रिपोर्ट को ठोस आधार मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 366, 376(2)(एन) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एम), 6 के अंतर्गत आरोपी को दोषी करार दिया।न्यायमूर्ति श्रीमती तबस्सुम खान ने अपने 34 पृष्ठों के निर्णय में स्पष्ट किया कि इस प्रकार के अपराधों में कठोर सजा आवश्यक है, जिससे समाज में एक सशक्त संदेश जाए।
*🟢👉नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास, न्यायालय ने सुनाया फैसला*
July 11, 2025
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