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*🟣👉*विकसित कृषि संकल्प अभियान का हुआ समापन**

 नर्मदापुरम।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "विकसित भारत" के महत्त्वाकांक्षी सपने को साकार करने की दिशा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में "विकसित कृषि संकल्प अभियान" का समापन समारोह आयोजित किया गया। इस अभियान के तहत कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, कृषि विभाग और ICAR के विशेषज्ञों की एक टीम ने नर्मदापुरम विकासखंड के ग्राम पंचायत भिलाखेड़ी में कार्यक्रम का आयोजन किया।समापन समारोह में राज्य सभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, मध्य प्रदेश तैराकी संघ के अध्यक्ष श्री पीयूष शर्मा, जिला पंचायत नर्मदापुरम के सीईओ टी. प्रतीक राव, उप संचालक कृषि  जे.आर. हेड़ाऊ, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. संजीव गर्ग, एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीण भी उपस्थित रहे।इस अवसर पर पीयूष शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए किसानों की समस्याओं को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम समय के अनुरूप कृषि पद्धतियों में परिवर्तन नहीं करते हैं, तो हमें खेती के क्षेत्र में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने मिश्रित खेती और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला।राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया ने इस विकसित कृषि संकल्प अभियान के उद्देश्यों और कार्यक्रम की प्रगति की चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह अभियान 29 मई से आरंभ होकर 12 जून तक चला, जिसमें सभी कृषि वैज्ञानिक और संबंधित विभाग के अधिकारी लगातार किसानों के पास पहुँचकर उनकी समस्याओं का समाधान और उन्हें नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान करते रहे। उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाने और वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन के अनुसार आगे बढ़ने की सलाह दी।कार्यक्रम के दौरान उप संचालक कृषि ने किसानों को रबी में मक्का की खेती के लाभ के बारे में जानकारी दी, जिससे उन्हें फसल विविधीकरण की दिशा में प्रेरित किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. संजीव गर्ग ने विभिन्न खरपतवार प्रबंधन तकनीकों और बायो फर्टिलाइजर के उपयोग की विधियों पर विस्तार से जानकारी दी।किसान परिचर्चा में डॉ. ब्रजेश नामदेव ने खेती में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान के साथ-साथ नई तकनीकों की जानकारी साझा की। सहायक संचालक कृषि श्रीमती अर्चना परते ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं की जानकारी दी और किसानों को इन योजनाओं से लाभ उठाकर अपनी उत्पादन लागत को कम करने तथा आय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।कृषि महाविद्यालय पावरखेड़ा से आए डॉ. दीपक खांडे ने किसानों को खरीफ की तैयारी के संदर्भ में नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों और उन्नत बीजों की जानकारी प्रदान की, ताकि वे आगामी मौसम के लिए बेहतर योजना बना सकें। उक्त कार्यक्रम में सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी एस. डी. सिंह, सहायक कृषि यंत्री सी. एस. बरकडे, सहायक संचालक कृषि श्रीमती अर्चना परते, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सुश्री जयश्री देशमुख, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी सुश्री विजयालक्ष्मी बलबंदे आदि भी उपस्थित रहे।किसानों ने इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी माना और विशेषज्ञों से भविष्य में भी इसी प्रकार के मार्गदर्शन की अपेक्षा जताई। इस प्रकार, यह अभियान किसानों के लिए एक नई आशा और दिशा प्रदान करने में सफल रहा।

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