नर्मदापुरम। महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के द्वारा विभिन्न बैठकों में समय-समय पर पश्चिम मध्य रेलवे की ऑरिजिनेटिंग रेवेन्यू बढ़ाने के निर्देश दिए जाते हैं। इसी कड़ी में प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक एवं प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक के निर्देशन में वाणिज्य/परिचालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कार्य करते हुए जबलपुर, भोपाल एवं कोटा तीनों मण्डलों में रेल राजस्व बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास भी किये जा रहे हैं।इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल से जनवरी माह तक पश्चिम मध्य रेल ने लगभग कुल रुपये 6773 करोड़ 31 लाख का ऑरिजिनेटिंग रेवेन्यू अर्जित किया है। जिसमें मद वाइस आय पर नजर डालें तो यात्री यातायात से रुपये 2021 करोड़ 25 लाख, माल यातायात से रुपये 4333 करोड़ 05 लाख, अन्य कोचिंग मद में रुपये 146 करोड़ 57 लाख एवं विविध आय यानि संड्री से रुपये 272 करोड 44 लाख का रेलवे राजस्व प्राप्त किया है। अकेले जनवरी माह में पश्चिम मध्य रेल ने 796 करोड़ 68 लाख रूपये ऑरिजिनेटिंग रेवेन्यू अर्जित किया। जिसमें यात्री यातायात से रुपये 217 करोड़ 32 लाख, माल यातायात से रुपये 454 करोड़ 67 लाख अन्य कोचिंग मद में रुपये 14 करोड़ 40 लाख एवं विविध आय यानि संड्री से रुपये 110 करोड 29 लाख का रेलवे राजस्व प्राप्त किया है। यात्रियों के लिए रेल यात्रा को सुरक्षित और बेहतर बनाया गया।स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा हैं। पमरे से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों की संचालन अवधि को विस्तारित कर चलाया जा रहा हैं।यात्री ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची को क्लीयर करने के लिए अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं।पश्चिम मध्य रेल में मिलने वाले प्रायोगिक ठहराव की अवधि यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया जा रहा हैं। अधोसरंचना कार्यों में गति प्रदान कर यात्री ट्रेनों की गति में वृद्धि की गई साथ ही समयपालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करके अलग -अलग रेल खण्ड की क्षमता में वृद्धि और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया गया।
माल गोदामों में राउण्ड द क्लॉक यानि चौबीस घंटे लोडिंग एवं अनलोडिंग सेवाएं दी जा रही। गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल / साइडिंग को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किये जा रहे है। नई रेल लाइन/दोहरीकरण/तिहरीकरण जैसे अधोसरंचना कार्यों में गति प्रदान की जा रही है।मालगाड़ियों में ऑपरेशनल सुधार भी किए जा रहे है। गुड्स टर्मिनल की वर्किंग में सुधार एवं मालगाड़ियों के डिटेंशन को कम किया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे तीनों मण्डलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा द्वारा रेलवे राजस्व वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।