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*💫🌈अल्पविराम: स्वीकारिता सुधार और सृजन की प्रक्रिया*

 नर्मदापुरम। इटारसी तहसील में राज्य आनंद संस्थान द्वारा एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में इटारसी की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,आशा कार्य कर्ताएं और सहायिकाएं उपस्थित थी| कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्ज्वल के साथ हुई । उपस्थित बहन के द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात राज्य आनंद संस्थान के मास्टर ट्रेनर गणेश कनाडे के द्वारा आनंद सहयोगीयो के परिचय देने के बाद उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने अपना परिचय दिया,और किस चीज से उन्हें आनंद मिलता है, के बारे में उन्होंने व्यक्त किया।राज्य आनंद संस्थान के उद्देश्यों को बताते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।मास्टर ट्रेनर सुमन सिंह के द्वारा जीवन के लेखा जोखा का सत्र लिया गया। जिसमें उन्होंने लोगों को खुद से जोड़ने हेतु चार प्रश्नों के माध्यम से हम कैसे जीवन की आपाधापी में  जीने का उद्देश्य ही भूल जाते है और जीवन की इस यात्रा में अल्प विराम लेकर कैसे यात्रा में बीच मे रुककर इस  आनंद को  महसूस किया जा सकता है पर बात रखी गयी।तनाव से किस तरह से मुक्ति पाए इसके लिए  मौन की शक्ति एवं अंतरात्मा की आवाज सुनने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया । मास्टर ट्रेनर गणेश कनाडे द्वारा राज्य आनंद संस्थान की गतिविधियों का परिचय दिया गया तथा रिश्तों का सत्र लेते हुए हमारे जीवन मे  हमारे व्यक्तिगत, पारिवारिक और समाजिक रिश्तों मे किन बातों से हमारा रिश्ता बनता है और किन बातों से  रिश्ता टूटता है जो हमको  आनंद की अनुभूति  से बंचित कर देते है पर कुछ प्रश्नों के माध्यम से समझाया। उन्होंने अपने जीवन मे अल्पविराम से आए बदलाव को विभिन्न घटनाओं के माध्यम से बताया । सभी के द्वारा अपने अनुभव सबके समक्ष साझा किये और सभी ने इस कार्यक्रम को और राज्य आनंद संस्थान के इस प्रयास को बहुत सराहा | कार्यशाला में महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी दीप्ति शुक्ला ने सभी को इस कार्यक्रम मे शामिल होने प्रेरित किया।आनंदम सहयोगी राजेंद्र कुशवाह,वैंकेट चिमनिया, राजेश मालवीय, दीपक मालवीय का सराहनीय योगदान रहा। किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार  के गाने के साथ समापन किया गया|

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