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*💫🌈हिरनखेड़ा तालाब पर हुआ नमामि गंगे अभियान का शुभारंभ*

नर्मदापुरम/सिवनीमालवा।विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनपद स्तरीय नमामि गंगे अभियान का शुभारंभ  हिरनखेड़ा के प्रसिद्ध गौ उत्पत्ति तालाब पर किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत तालाब में श्रमदान, साफ-सफाई, एवं वृक्षारोपण कार्य किये गए। इस अवसर पर विश्व पर्यावरण दिवस पर केंद्रित एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रुति चौधरी द्वारा पर्यावरण संरक्षण की महत्वता बताई गई, उन्होंने कहा कि समुदाय को नदियों, तालाबों एवं जल संरचनाओं के पुनर्जीवीकरण और संरक्षण के लिए विशेष प्रयास और सभी को आगे आकर पर्यावरण घटकों पर ध्यान देना होगा।मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी राकेश नागर द्वारा जैव विविधता, जल स्रोतों के संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण विषयों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सच्ची हितेषी तो हमारी बुजुर्ग पीढ़ियां थी।नई पीढ़ियां तो आधुनिकता के ताने-बाने में पर्यावरण को अनेक प्रकार से दूषित कर रही हैं। हमें वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है तभी हम एक स्वच्छ पर्यावरण की संरचना स्थापित कर सकते हैं। आरईएस इंजीनियर नंदिनी तिवारी द्वारा जल स्रोतों के संरक्षण विषय पर अपने विचार रखे गए‌। ग्राम के समाजसेवी आशुतोष लिटोरिया द्वारा भी वृक्षारोपण, पारिस्थितिक तंत्र में पर्यावरण की विशेष महत्वता आदि विषयों पर अपने विचार रखे गए उन्होंने कहा कि पहले एक कुएं से सारा गांव अपनी जलापूर्ति करता था, आज हर घर में बोरवेल- कुंए हैं,और हम तेज गति से भूमिगत जल का दोहन कर रहे हैं किंतु वर्षा जल के संचयन में हम बहुत लापरवाह है इसका मतलब हम प्रकृति से ले तो ज्यादा रहे हैं पर उसे वापस कम दे रहे हैं, ग्राम पंचायत हिरनखेड़ा के सचिव हितेश मनवारे द्वारा नमामि गंगे अभियान की प्रस्तावना , कार्ययोजना और उद्देश्यों पर अपने विचार रखें गए।मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की समस्त पंचायत में जल स्रोतों तथा नदी, तालाबों, बावड़ी एवं अन्य जल स्रोतों के संरक्षण, पुर्नजीवन हेतु 05 जून से 15 जून 2024 तक विशेष नमामि गंगे अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिसमें ऐसे जल स्रोतों का अविरल बनाए जाने के लिए इन संरचनाओं का पुर्नरोद्धार, जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण किया जाकर उपयोगी तथा यथासंभव आर्थिक रूप से उपयोगी बनाए जाने की कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है।अभियान के अंतर्गत जिले की सबसे बड़ी जल संरचना- तालाब के रूप में प्रसिद्ध हिरनखेड़ा तालाब पर श्रमदान का कार्यक्रम किया गया, कार्यक्रम में उपसरपंच अभय गौर , वरिष्ठ नागरिक गौतम गौर , सुरेश गौर, शेख जमीर, अतुल साध, माखनलाल साध, रघुवीर हरियाले,मुकेश गौर,अतुल साध संजय गौर,रजत सोनी, अंकित गौर,जयदीप गौर, संजय गौर, विपुल सोनकिया, हेमंत साध, अशोक गौर, मोना अग्रवाल, विपत भारती ज्ञानचंद मेहरा राकेश कुशवाहा, संजय लौवंशी,मोहन विश्वकर्मा,संजू गोस्वामी आशीष गोस्वामी,शासकीय माध्यमिक स्कूल के शिक्षक रविंद्र चौधरी, राजाराम दामडे, देवचंद गोहिया, उर्मिला पाटिल एवं आंगन बाड़ी कार्यकर्ता विनीता साध कीर्ति गोस्वामी, सहायिका प्रीती लौवंशी, ग्राम कोटवार ज्ञानचंद मेहरा आदि उपस्थित रहें।विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर तालाब की पार पर जनपद सीईओ श्रुति चौधरी एवं मनरेगा अधिकारी श्री नागर द्वारा वृक्षारोपण किया गया।

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