नर्मदापुरम। समीपस्थ ग्राम आरी में चल रही श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस मंगलवार को श्रीराम सीता विवाह का प्रसंग की कथा हुई। इस दौरान श्रद्धालु भाव विभोर होकर खूब नाचे।कथा व्यास श्री सद्भाव तिवारी के कथा सुनते हुए कहा कि भगवान राम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुरी पहुंचे। इस समय देवी पूजन के दौरान भगवान राम को माता सीता का प्रथम दर्शन होता है। इस प्रसंग के भजन को सुनकर स्रोत मंत्र मुग्ध हो गए। इसके बाद धनुषभंग का प्रसंग का वर्णन किया गया। भगवान राम को देखकर सभा में उपस्थित सभी लोगों ने भगवान को अलग अलग स्वरूप में देखा। यही भाव की बात है। भगवान को किसी ने स्वजन के रूप में देखा तो किसी ने पुत्र के रूप में देखा। किसी ने अपने प्रभु के रूप में देखा तो किसी ने महावीर कर स्वरूप में देखा। किसी को भगवान सहज रूप में नजर आए तो किसी को तो वे साक्षात काल के रूप में दिखाई दिए। भाव यह है की भगवान को आप जिस भाव से देखेंगे वे उसी रूप में दिखाई देते हैं। इसके बाद भगवान का विवाह हुआ। इस दौरान तो कथा स्थल जनकपुरी ही बन गया था। कोई स्वयं को अवधपुरी समझ रहा था तो कोई जनकपुर निवासी मानकर धन्य हो गया।
*💫🌈राम विवाह प्रसंग पर खूब नाचे श्रद्धालु*
January 02, 2024
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