नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में चल रहे लंबे समय से अवैध उत्खनन एवं एनजीटी के नियमों की अवहेलना करने के मामले में अनेकों बार खनिज अधिकारी विभागीय मंत्री पी.एस.कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत किए जाने के बाद भी जब किसी तरह की को कार्यवाही नहीं हुई तो शिकायत करता चन्दर सिंह बागवान एवं अन्य साथियों ने मजबूर होकर नर्मदा नदी से अवैध खनन मामले मामले की शिकायत एनजीटी न्यायालय जॉन भोपाल में वकील के माध्यम से एक शपथ पत्र एवं मशीनों से अवैध खनन के दस्तावेज़ प्रस्तुत कर की । चन्दर सिंह बागवान की याचिका पर एनजीटी न्यायाधीश ने इसे स्वीकार करते हुए सीहोर जिले में एनजीटी के नियमों की अवहेलना करने और अवैध उत्खनन को लेकर अवैध रूप से नर्मदा नदी में
चलाई जा रही मशीनों को लेकर एवं दूसरे जिले की रॉयल्टी सीहोर जिले में कटी जाने को लेकर जांच के आदेश दिए हैं।एनजीटी न्यायालय भोपाल ने 6 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करके अदालत में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।चन्दर सिंह बागवान के बकील योगेश हेमनानी ने 26अक्टूबर 2023 को मामला पेश किया था।3/ 11/ 2023 .को न्यायालय में यह मामला एप्लीकेशन नंबर 158, 2023, सेंट्रल जोन पैर दर्ज करके जांच के आदेश दिए हैं। मध्य प्रदेश में सीहोर होशंगाबाद देवास रायसेन हरदा सहित पूरे प्रदेश में अवैध उत्खनन का सिलसिला पिछले कई वर्षों से निरंतर जारी है। अवैध रूप से अवैध उत्खनन किये जाने से सरकार को अरवो रुपए का अब तक राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है ।तो वही अनेक घटनाएं अवैध उत्खनन को रोकने वाले अधिकारियों के साथ हो चुकी हैं।इनमें मुरैना जिले में एक आईपीएस को ट्रैक्टर से कुचल के मार दिया गया था। तो वही पन्ना छतरपुर में तहसीलदार एसडीएम से लेकर दूसरे अधिकारियों को बंधक बनाया और उनके साथ मारपीट की पटवारी के साथ मारपीट की अभी हाल ही में अवैध उत्खनन को रोकने गए।एक पटवारी की तो हत्या कर दी गई। सीहोर जिले में भी ऐसी एक नहीं अनेक घटनाएं हुई है। न्यायालय ने तमाम सारी बातों को संज्ञान में लेते हुए इस मामले की जांच के तीन विभागो की सयुक्त टीम को आदेश दिए हैं ।केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड राज्य प्रदूषण बोर्ड जिला कलैक्टर की सयुक्त टीम को 16 जनवरी तक नर्मदा नदी में हो रहे अवेध खनन की जांच कर जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश एनजीटी न्यायाधीश ने दिए हैं। सीहोर जिले के बुधनी क्षेत्र के एसडीएम ने भी अनेकों बार अवैध उत्खनन रोकने का प्रयास किया। गाड़ियों को पकड़ा एसडीएम की इस कार्रवाई के बाद अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ तो कोई कार्यवाही नहीं हुई उल्टे एसडीएम को ही राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा ऐसा सूत्र बताते हैं।