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*🌈💫धर्म निरपेक्षता के आदर्श हैं शिवाजी : डॉ. कृष्णगोपाल*

 नर्मदापुरम। सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित हिंदवी स्वराज्य की 350 वीं वर्षगाँठ पर आयोजित कार्यशाला में भोपाल से पधारे माधव सिंह दांगी की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र एवं अन्य अतिथियों ने सरस्वती, भारत माता और शिवाजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए संयोजक डॉ. संतोष व्यास ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए हिन्दवी स्वराज के कार्यक्रम वर्ष भर देश स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र ने कहा कि छत्रपति शिवाजी धर्म निरपेक्षता के उत्तम आदर्श हैं । उनके शासन में अन्य धर्म ग्रंथों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की गई तथा शत्रु पक्ष की नारियों का सम्मान सदा सुरक्षित रहा किंतु उन्होंने हिन्दू धर्म की सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वाली आक्रामक शक्तियों को भी सदा दंडित किया। शिवाजी सतर्क और दूरदर्शी शासक थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी और हिन्दू साम्राज्य का पथ प्रशस्त किया। उनकी आदर्श नीतियाँ राष्ट्रहित में आज भी प्रासंगिक हैं । कार्यशाला में जिले की विभिन्न तहसीलों से आए वक्ताओं ने भी बड़ी संख्या में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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