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*🌈💫संतो की वाणियां हमारा कवच हैं : डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र*

 नर्मदापुरम।जनजातीय संग्रहालय भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में संतो की वाणियाँ और संत रैदास पर मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान देते हुए शास. नर्मदा महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र ने कहा कि सन्तों की वाणियाँ विदेशी आक्रमण के उस युग में हमारी ढाल भी हैं और तलबार भी।  एक ओर संत तुलसीदास स्वामी प्राणनाथ समर्थ रामदास और सिख गुरुओं ने अपनी वाणी से देश के सोए शौर्य को जगाया और सनातन संस्कृति पर आक्रमण करने बाली विदेशी शक्तियों का संहार करने की प्ररेणा दी तो दूसरी ओर संत कबीरदास, रैदास आदि ने समाज सुधार के लिए अपनी वाणी का भरपूर उपयोग किया। डॉ. मिश्र के वक्तव्य की सरहाना करते हुए जनजातीय संग्रहालय के निदेशक डॉ. धर्मेंद्र पारे, भारतीय हिन्दी परिषद प्रयाग के पदाधिकारियों और देश भर से आए प्राध्यापक प्रतिभागियों ने उन्हें बधाई दी।

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