नर्मदापुरम/ संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग जे पी यादव ने कन्या शिक्षा परिसर पवारखेड़ा मे आयोजित नवनियुक्त शिक्षकों के पांच दिवसीय "परिचयात्मक प्रशिक्षण" के द्वितीय बैच के समापन अवसर पर "तनाव प्रबंधन" विषय पर चर्चा की। श्री यादव ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से तनाव की उत्पत्ति,उसके कारण, तनाव से जीवन पर पढ़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के और उसके निदान के तरीके बताये। उन्होंने कहा की अनियमित दिनचर्या, अव्यवस्थित जीवन, दूसरों से बेमानी तुलनायें, आय से अधिक खर्चे,दूसरों से ईर्ष्याएँ बीमारियां,रिश्तों मे सामंजस्य का अभाव, अकेलापन, असफलतायें, बीते समय की यादें आदि तनाव के प्रमुख कारणों में शामिल है। तनाव के कारण नींद न आना, नकारात्मक विचार, चिड़चिड़ापन, अवसाद और पारिवारिक - वैवाहिक जीवन मे दिक्कतें जैसी व्याधियां उत्पाद के रूप मे सामने आते है, जो जीवन को तबाह करते है। तनाव जीवन से कभी पुरी तरह खत्म नही हो सकता, केवल इसको कम किया जा सकता है और इसके उचित प्रबंधन की ज़रूरत है।श्री यादव ने कहा कि दिनचर्या को व्यवस्थित करें ताकि कामों को करने में समय की कमी महसूस न हो। आज का काम कल पर टालने से काम का बोझ बढ़ता है जो, तनाव पैदा करता है। उचित होगा की कि काम समय रहते कर लिया जाय। अगर कार्यों की अधिकता है तो,कार्यों का प्राथमिकता क्रम निर्धारित कर क्रमबद्ध रूप से कार्यो को संपादित करें, इससे काम भी हो जायेंगे और तनाव भी नहीं होगा । श्री यादव ने कहा कि हर व्यक्ति की क्षमता और परिस्थितियां भिन्न-भिन्न होती है, इसलिए जब हम अपनी, अपने बच्चों की या आर के अन्य व्यक्ति की तुलनायें करने दूसरों से करने लगते हैं, तो हम तनाव को आमंत्रित करते हैं। इसलिए दूसरों से तुलना करना छोड़ देना चाहिए। आर्थिक समस्याएं भी तनाव का कारण होती है, कई बार सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा में खर्चे, आय से अधिक हो जाते है,और क़र्ज़ लेकर क़र्ज़दार हो जाते है, क़र्ज़ का बोझ हमे चैन से रहने नही देता है। इसलिए इच्छायें और आवश्यकताओं को सीमित कर तनाव के प्रभाव से बच सकते हैं। जो भी जिम्मेदारियों मिलती है, उन्हे बोझ न मानकर रूचि से करेंगे तो तनाव महसूस नही होगा। तनाव को दूर करने के लिए नकारात्मक बातों और नकारात्मक लोगों से दूर रहें। ऐसे व्यक्ति से बात करें जो आपकी समस्या समझे और सकारात्मक सलाह और साथ दे। संगीत तनाव प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण साधन है। संगीत एक मैडिटेशन है, जो आपको एक सुखद दुनिया का अहसास कराता है, इसलिए गीत सुनें,गीत गायें और हो सके तो कोई इंस्ट्रूमेंट बजायें।संभागीय उपायुक्त ने कहा की सभी लोगों मे कोई न कोई क्रिएटिविटी होती है, उसको विकसित करें। अच्छी किताबें पढ़ें और अपने विचारों को कागज़ पर उतार साहित्य के रूप मे आकार देने की कोशिश करें। लोगों की बातों की बजाय अपने दिल की सुनें और करें। तनाव के प्रभाव को कम करने के लिए योग, मैडिटेशन और खेल को भी दैनिक जीवन का हिस्सा बनायें । इससे शरीर मज़बूत और स्वस्थ रहेगा, जो तनाव के प्रभाव को कम करेंगे।उपरोक्त विधियों से हम तनाव को दूर कर सकते है, और प्रसन्न रह सकते है।इस अवसर पर संभागीय उपायुक्त ने प्रशिक्षण से सम्बंधित परीक्षा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया आशीष कुमार चतुर्वेदी प्रथम, रामसिंह परमार द्वितीय तथा भावना शुक्ला तथा ललित कुमार नागवंशी संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे।इस अवसर पर सहायक संचालक एस के द्विवेदी,प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर्स योगेश तिवारी, पीटर रुबेलो, प्राचार्य शैलेन्द्र दीक्षित, उपेंद्र सिंह राठौर तथा लगभग 50 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों ने प्रशिक्षण और व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बताया।
*💫🌈जीवन शैली में बदलाव लाकर तनाव को कम किया जा सकता है : जेपी यादव*
June 02, 2023
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