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*🌈💫पमरे ने आठ माह में 5000 करोड़ के पार किया ओरिजनेटिंग रेवेन्यू*

जबलपुर । पश्चिम मध्य रेलवे तीनों मण्डलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा के अधोसंरचनात्मक कार्यों को गति प्रदान करते हुए तथा यात्री सुविधाओं में उत्तरोत्तर विकास करते हुए रेलवे राजस्व वृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके परिणामस्वरूप पमरे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में *अप्रैल से नवम्बर 2022 तक 5017 करोड़ रूपये प्रारंभिक आय (ओरिजनेटिंग रेवन्यू) अर्जित किया।यदि हर महीने के आंकड़े देखे तो अप्रैल में 595 करोड तथा मई में 660 करोड, जून में 612 करोड़, जुलाई में 653 करोड़, अगस्त में 628 करोड़, सितम्बर 632, अक्टूबर में  594 करोड़ एवं नवम्बर में 643 रूपये का रेल राजस्व अर्जित किया।  इस तरह यदि मद वाइस आय पर नजर डालें तो चालू वित्तीय वर्ष की आठ माह यानी अप्रैल से नवम्बर 2022 तक पमरे की ओरिजनेटिंग आय के अंतर्गत यात्री यातायात से रुपये 1366 करोड़ 30 लाख, अन्य कोचिंग मद में रुपये 115 करोड़ 49 लाख, माल यातायात से रुपये 3394 करोड़ 49 लाख एवं विविध आय यानि संड्री से रुपये 140 करोड 92 लाख का रेलवे राजस्व प्राप्त किया है। इस प्रकार पमरे ने आठ माह में कुल रुपये 5017 करोड 20 लाख का रेलवे राजस्व प्राप्त किया जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 3567 करोड़ 83 लाख रुपये की तुलना में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।रेलवे राजस्व वृद्धि के लिए पमरे द्वारा निम्नलिखित निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं* यात्री यातायात के लिए अधिक से अधिक सुविधाओं का विस्तार करके रेल यात्रा को सुरक्षित और बेहतर बनाया गया। समय-समय पर समर स्पेशल, त्यौहार स्पेशल एवं परीक्षा स्पेशल ट्रेनों को भी चलाया जा रहा है।फ्रेट लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए व्यापार विकास इकाइयां (बीडीयू) स्थापित की गईं। इसके तहत नये लोडिंग स्ट्रीम से माल यातायात को बढ़ावा दिया गया। मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करके अलग-।अलग रेल खण्ड की क्षमता में वृद्धि और इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाया इसके साथ ही साथ ऑपरेशनल सुधार भी किये गये ।  गुड्स टर्मिनल की वर्किंग में सुधार एवं मालगाड़ियों के डिटेंशन को कम किया गया। मालगाड़ियों के संचालन में तेजी आयी और माल ढुलाई में वृद्धि हुई। अन्य तरह के यातायात के लिये पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया गया साथ ही एसएलआर की लीजिंग की अधिक से अधिक मॉनिटरिंग की गई। संड्री आय के अंतर्गत लैंड लाइसेंसिंग और गैर किराया राजस्व (एनएफआर) बढ़ाने के लिए भी व्यापक पैमाने पर कार्य किया जा रहा है।

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