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ई-नीलामी के पोर्टल पर पमरे के कुल 725 एसेट्स को आईआर ईपीएस से जोड़ा गया......48 ई-नीलामी से रूपये 2 करोड़ 95 लाख वार्षिक राजस्व


  अब पब्लिसिटी, पार्किंग, पार्सल लीजिंग, एटीएम एवं पे एंड यूज जैसी एसेट्स नीलामी की प्रक्रिया हुई ऑनलाइन
नर्मदापुरम्।  पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा में वाणिज्यिक आय, गैर- किराया राजस्व (एनएफ आर) अनुबंधों के लिए ई-नीलामी की शानदार शुरुआत हो गई है। इस नीति के अंतर्गत अर्निंग एसेट्स जैसे आउट ऑफ होम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, पार्किंग लॉट, पार्सल लीजिंग, स्टेशन पर रेलवे डिस्प्ले नेटवर्क (आरडीएन), मोबाईल एसेट्स, एटीएम, पे एंड यूज टॉयलेट एवं अन्य नॉन फेयर रेवन्यू (एनएफआर) इत्यादि  इन परिसंपत्तियों को पोर्टल में मैपिंग करके शामिल किया गया है और नीलामी प्रक्रिया ऑन लाईन हो गई है। अब तक पमरे में भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरई पीएस) के माध्यम से जबलपुर मण्डल में 260, भोपाल में 217 तथा कोटा मण्डल में 248 एसेट्स सहित कुल 725 एसेट्स का रजिस्ट्रेशन किया गया है। पमरे के तीनों मण्डलों पर अब तक कुल 48 ई-नीलामी ठेका आवंटित किए गए हैं जिनसे रेलवे को 295 लाख 51 हजार रूपये वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा। जो कि निर्धारित रिजर्व प्राईस से लगभग 41.40 प्रतिशत अधिक है ।भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआर ईपीएस) के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं। यह नीति प्रौद्योगिकी के उपयोग से व्यापार जगत को नये डिजिटल अनुभव के साथ निविदा की कठिन प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। साथ ही, यह स्टार्टअप नयी छोटी कंपनी को ई-नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है। यह नीति व्यापार की सुगमता को बढ़ाती है, पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और रेलवे में डिजिटल इंडिया की पहल को शामिल करती है। इससे न केवल रेलवे की कमाई बढ़ रही है बल्कि कारोबार सुगमता के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी मजबूती मिल रही है। इसी कड़ी में *जबलपुर मण्डल* में अब तक कुल 04 ई-नीलामी ठेका आवंटित हुए हैं, इससे रेलवे को 54 लाख 74 हजार रूपये वार्षिक राजस्व मिलेगा यह राजस्व निर्धारित रिजर्व प्राइस से लगभग 20 प्रतिशत अधिक है। *भोपाल मण्डल* में कुल 08 ई-नीलामी ठेका आवंटित करके रेलवे को 71 लाख 74  हजार रूपये वार्षिक राजस्व मिलेगा जो कि निर्धारित राजस्व प्राईस से लगभग 70 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह *कोटा मण्डल* में अब तक कुल 36 ई-नीलामी ठेका आवंटित करके रेलवे को 169 लाख 03 हजार  रूपये वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा, जो निर्धारित रिजर्व प्राईस से लगभग 24 प्रतिशत से अधिक है।  इस नई नीलामी प्रक्रिया से जो राजस्व मिला है वह निर्धारित रिजर्व प्राईस की तुलना में लगभग 41 प्रतिशत से भी अधिक है।इस प्रक्रिया के अंतर्गत ई-नीलामी में भाग लेने हेतु पार्टी/बोलीदाता को www.ireps.gov.in पर जाकर स्वयं को ई-आक्शन मोडयूल में पंजीकृत कराना होगा। नीलामी मे भाग लेने वाले बोलीदाता/पार्टी की आवश्यक योग्यता, उसका वित्तीय टर्न ओवर एवं स्वघोषित दस्तावेज अपलोड करना होगा। ई-नीलामी में भाग लेने के लिए कोई पूर्व पंजीकरण आवश्यक नहीं होगा। बोलीदाता की न ही कोई भौगोलिक बाध्यता होगी। स्वघोषित दस्तावेज गलत पाये जाने पर जमानत राशि जब्त कर ली जायेगी। इस प्रक्रिया को तेजी से कम समय में पूर्ण करने के लिए ई-नीलामी का नोटिस पीरियड 15 दिन रखा गया है। इसमें सभी भुगतान आनलाइन होंगे। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल अपने सम्माननीय उपयोगकर्ताओं को बेहतर, पारदर्शी  एवं प्रभावी व्यवस्था देने के लिए सतत् प्रयासरत हैं। इसी क्रम में वाणिज्यिक आय और नाॅन- फेयर रेवेन्यू सम्बंधित अनुबंधों को ‘ई-ऑक्शन‘ प्लेटफार्म के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। निविदा के स्थान पर ई-नीलामी का प्रावधान किया जा रहा हैं। नई व्यवस्था में प्रक्रिया को बेहद सरल किया गया है, जिससे अधिक से अधिक इच्छुक व्यक्ति/फर्म इसमें प्रतिभाग कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इन्ट्री बैरियर समाप्त होंगे तथा अनुबंध की प्रक्रिया में विलम्बन भी समाप्त होगा।ई-नीलामी में भाग लेने हेतु ऑनलाइन पंजीकरण के संबंध में किसी भी सहायता एवं जानकारी के लिये वाणिज्य विभाग में संपर्क किया जा सकता है।

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