नर्मदापुरम् । प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए (कार्गो संबंधी गतिविधियों,जन उपयोगिताओं और रेलवे के विशेष इस्तेमाल हेतु) रेलवे की भूमि नीति को संशोधित करने के रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे आने वाले दिनों में रेलवे को और ज्यादा कार्गो आकर्षित करने में मदद मिलेगी, माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ेगी और इससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी। इससे बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति, दूरसंचार केबल, सीवेज निपटान, नालियां, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी), पाइपलाइन, सड़क, फ्लाईओवर, बस टर्मिनल, क्षेत्रीय रेल परिवहन, शहरी परिवहन जैसी जन उपयोगिताओं के एकीकृत तरीके से विकास में मदद मिलेगी। इस नीतिगत संशोधन से लगभग 1.2 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा। भूमि पट्टे पर देने की नीति को उदार बनाने से सभी हितधारकों/सेवा प्रदाताओं/ऑपरेटरों के लिए ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे और रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो यातायात एवं माल ढुलाई राजस्व पैदा करने में उनकी भागीदारी की राह भी बनेगी।
*💫साथ ही अन्य लाभ इस प्रकार होंगे*
कार्गो टर्मिनलों के लिए रेलवे भूमि का उपयोग कर रही मौजूदा संस्थाओं के पास, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद नई नीति व्यवस्था अपनाने का विकल्प होगा।अगले पांच वर्षों में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे और लगभग 1.2 लाख रोजगार सृजित होंगे।माल ढुलाई में रेल की हिस्सेदारी बढ़ेगी और देश में कुल लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी।
*💫कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:*
कैबिनेट की मंजूरी के 90 दिनों के भीतर व्यापक नीतिगत दस्तावेज तैयार और लागू किया जाएगा।
साथ ही पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के तहत सोची गई जन उपयोगिताओं की स्थापना के लिए मंजूरियों को सरल किया जाएगा।
*💫पृष्ठभूमि:*
रेलवे का संगठन और नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इसलिए पीएम गति शक्ति ढांचे के तहत देश भर में तेज एकीकृत प्लानिंग और बुनियादी ढांचे के विकास को मुमकिन करने के लिए रेलवे की भूमि पट्टा नीति को सुव्यवस्थित और सरल बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। साथ ही माल ढुलाई में रेल के सामान्य हिस्से को बढ़ाने के लिए और ज्यादा कार्गो टर्मिनलों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि पट्टे की नीति को संशोधित करना आवश्यक समझा जा रहा था ।