नर्मदापुरम। जिले में प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने एवं पूराकालीन संस्कृति से जोड़ने पर्यटकों के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड होमस्टे योजना संचालित कर रहा है. जिसमें जिले में 11 होमस्टे तैयार किए जा रहे हैं. इन होमस्टे में आने वाले सैलानियों को ग्रामीण परिवेश के साथ भारतीय संस्कृति परंपराओं और मिट्टी के चूल्हे पर बने भोजन का आनंद भी मिलेगा.
नर्मदापुरम जिले के मढ़ई पर्यटन स्थल से 7 किलोमीटर दूरी पर छेड़का ग्रामीण पर्यटन ग्राम में जल्द ही जिला प्रशासन द्वारा पहले होमस्टे का शुभारंभ किया जाना है ।नर्मदापुरम जिले के समीप सोहागपुर तहसील में ग्राम छेड़का और ढाबा में होमस्टे के निर्माण कराए जा रहे हैं. छेड़का ग्राम में 7 और ढावा में 4 होमस्टे बनाने की शुरुआत हो चुकी है, ओर सभी होमस्टे प्रगतिशील हैं। यहां पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटक प्रकृति के साथ प्रदेश की संस्कृति और स्थानीय व्यंजन का आनंद लेंगे।
होमस्टे की योजना को भारतीय संस्कृति परंपरा और स्थानीय खानपान आदि का अनुभव प्रदान करना है। यात्रियों और पर्यटकों को ठहरने के लिए स्वच्छ सुंदर और किफायती स्थान उपलब्ध कराना है , देश विदेश के पर्यटकों,अतिथियों की संख्या में वृद्धि करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए संचालित किया जा रहा है. यहां हर प्रकार का पर्यटन होने की वजह से पर्यटक ज्यादा संख्या में आते हैं।इसके अलावा यह स्थान ऐसे हैं जिसके आसपास सैलानियों के लिए बहुत कुछ है पर और इनमें से अधिकांश स्थान अभी भी पर्यटन के नक्शे पर नहीं आ सके हैं। यहां होम स्टे शुरू होने पर न केवल ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा बल्कि पर्यटक भी यहां की संस्कृति को जान सकेंगे और यहां की आदिवासी कलाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के द्वारा ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत नर्मदापुरम जिले में छेड़का ढाबा,उर्दन गांव में होमस्टे बनाने के साथ आदिवासी जनजाति का संस्कृति परंपरा का प्रचार प्रसार के साथ ग्रामवासी को रोजगार से जोड़ने का पहल इंडियन ग्रामीण सर्विसेज के द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है छेड़का सतपुडा के घने जंगल मे प्राकृतिक संदर्भ से भरा 300 वर्ष पुराना गौंड जनजाति का गांव है ।जिला प्रशासन के सहयोग से इंडियन ग्रामीण सर्विसेज के द्वारा किया जा रहा है। डंडा एवं सेतम नृत्य इसका परंपरा गत नृत्य हैl देसी एवं विदेशी पर्यटक को इस पर्यटन गांव में बैलगाड़ी पर घूमने के साथ-साथ परंपरागत व्यंजन का स्वाद, चक्की ओखली से दाल गेहूं पीसना का ग्रामीण अनुभव एवं डंडा सेतम नृत्य के माध्यम से मनोरंजन किया जाएगा। जिसके माध्यम से छेडका ग्रामीण पर्यटन समिति के द्वारा गाइड, बैलगाड़ी चालक, नृत्य परिवेश एवं होमस्टे के द्वारा ग्रामीण लोगों को रोजगार मिल पाएगा। मढ़ई आने वाली पर्यटकों को जंगल सफारी के साथ ग्रामीण लोगों का जीवन जी के जीविका से वाकिफ होने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा l इंडियन ग्रामीण सर्विसेज के अर्चना दास ने बताया कि ग्रामीण पर्यटन को अच्छी तरह से संचालित करने के लिए पर्यटन समिति का गठन किया गया है एवं समिति का सदस्य को विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसके माध्यम से किस प्रकार के पर्यटन गांव का प्रचार प्रसार किया जा पाए एवं पर्यटक को एक अच्छा सा अनुभव मिल पाए, इसी सम्बन्ध में निरंतर प्रशिक्षण एवं बैठक की जा रही है lआज के इस माहौल में शहर की भीड़ भाड़ से लोग थोड़ा शांति में समय गुजारने के लिए मौका ढूंढते रहते हैं जिसका एक अच्छा जरिया ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है जिसके माध्यम से ग्रामीण लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा । एवं जंगल परिवेश की सुरक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ेगी जो कि भविष्य में एक दायित्ववान पर्यटन को बढ़ावा देगा। जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के परियोजना प्रबंधक मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कार्ययोजना संचालित हो रही हैं जिसमें से ग्रामीण पर्यटन एक अनोखी परियोजना है