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*🌈💫लोकायुक्त के मामले में पटवारी को 4 वर्ष का कारावास की सजा ,विशेष न्यायालय नर्मदापुरम का निर्णय*

 नर्मदापुरम। नामान्तरण कम्प्यूटर मे दर्ज करने के ऐवज में रिश्वत लेने पर पटवारी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया।विशेष न्यायालय  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नर्मदापुरम के द्वारा आरोपी जितेंद्र ठाकुर को धारा-7 भ्र.नि.अधि. में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा -13(1)(बी) सहपठित धारा 13(2) भ्र.नि.अधि. में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 2000/- रूपये अर्थदंड से दंडित किया।जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि प्रकरण का फरियादि अशोक पटेल के द्वारा लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में इस बात की शिकायत की गई थी कि ग्राम खैरा में उसके पिता के द्वारा खरीदी गई जमीन एवं बटवारे में प्राप्त जमीन का नामान्तरण कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करने के संबध में पटवारी जितन्द्र ठाकुर तहसील पिपरिया के द्वारा नामांतरण को कम्प्यूटर में दर्ज कराने के नाम से पांच हजार रूपये की मांग की जा रही है।जिसकी जांच सत्यापन मान.पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त संभाग भोपाल के निर्देश पर निरीक्षक श्रीमति नीमल पटवा के द्वारा  कराया गया जांच में पाया कि पटवारी जितेन्द्र ठाकुर फरियादी अशोक पटेल और उसके मित्र मनोज पटेल की जमीन के संबध में काम के लिये पांच हजार रूपये की मांग की गई जिसेे फरियादि के द्वारा दिये गये डी.व्ही.आर. में रिकार्ड किया गया था जिसके आधार पर आरोपी जितेन्द्र ठाकुर के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्यवाही की गई। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के द्वारा टेप दल गठित किया गया। जिसमें निरीक्षक उमा कुशवाहा, निरीक्षक संजय शुक्ला, निरीक्षक सलील शर्मा आर.ब्रजबिहारी पाण्डे, मुकेश पटेल शामिल थे टेªप कार्यवाही लोकायुक्त निरीक्षक श्रीमति नीलम पटवा के नेतृत्व में हुई। टेªप कार्यवाही दिनांक 06.09.2018 को हुई जिसमें फरियादी अशोक पटेल से पटवारी द्वारा उसके घर पर पैसे लेते हुये रंगे हाथों पकडा। प्रकरण में अग्रिम विवेचना संजय जैन उप पुलिस अधीक्ष्क के द्वारा की गई विवेचना उपरांत आरोपी के विरू़द्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-13(2) सहपठित धारा13(1)(बी) का अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा 17 अभियोजन साक्षियों के परीक्षण कराये गये अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क पर विचार करते हुए विशेष न्यायालय के द्वारा  आरोपी को रिश्वत मांगने एवं लेने के आरोप में दोषी पाते हुए 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक  दिनेश कुमार यादव, जिला-नर्मदापुरम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

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